देहरादून में बढ़ा गुलदार के आतंक का पैमाना, अब यहां दिखाई दिया आदमखोर; दिखे तो यह टोल फ्री नंबर

The scale of Galudaar’s terror increased in Dehradun, now a man-eater seen here; If you see this toll free number

देहरादून में गुलदार का खौफ बढ़ता जा रहा है. रविवार शाम छिदवारी में एक किशोर पर हमले के बाद सोमवार तड़के गोर्डल को दुलंकेश में भी देखा गया। उनकी तस्वीर एक घर में लगे निगरानी कैमरे से ली गई थी. इसके बाद से वहां के लोग भी काफी डरे हुए हैं.

सोमवार को रेंजर राकेश नेगी ने कहा कि बचाव दल के नेता जीतेंद्र बिष्ट के नेतृत्व में लश्कर की एक टीम ने रात भर इलाके में गश्त की। हालांकि गोल्डर का अभी तक पता नहीं चल पाया है. गुलदार को पकड़ने के लिए हमले वाली जगह के आसपास तीन पिंजरे लगाए गए हैं।

गुलदार की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए आठ टेलीफोटो कैमरे लगाए गए थे। यदि आप उसे ढूंढ लेंगे तो उसे पकड़ना आसान हो जाएगा। लोगों से भी सावधानी बरतने की अपील की गई है.

चिड़ोवाली से सिंगली तक गुलदार की खोज ( Search for Guldar from Chidowali to Singli)

रेस्क्यू टीम लीडर जीतेंद्र बिष्ट ने बताया कि सूचना मिलने के बाद टीम रविवार शाम करीब सात बजे चिड़ोवाली पहुंची। रात करीब एक बजे सिंगुड़ी गांव पहुंचकर टीम ने गुरुधर की तलाश शुरू की. बाद में खबर आई कि गोदार को आईटी पार्क में देखा गया था। खुफिया सूचना के आधार पर टीम वहां पहुंची.

सीसीएफ हाउस के इंटीरियर का भी पता लगाएं  (Also explore the interior of the CCF House)

देर रात गुरधर को कैनाल रोड पर देखे जाने के बाद सीसीएफ और पीसीबी के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक के घर की भी तलाशी ली गई, जहां वह रहते हैं। इसलिए वन विभाग की टीम ने रात में काफी देर तक इधर-उधर तलाश की। हालाँकि, टीम यह पुष्टि करने के बाद लौट आई कि उनके पास कोई बंधक नहीं है।

चिड़ोवाली में शाम ढलते ही घरों में कैद हो जा रहे लोग ( In Chidowali, people are being confined to their homes as the evening approaches)

देहरादून के चिड़ोवाली कंडोली में गुलदार का डर इस कदर हावी है कि लोग शाम ढलते ही घरों की कुंडी बंद कर दे रहे हैं।
रविवार देर शाम इस इलाके से जुड़े रिस्पना नदी क्षेत्र में गुलदार ने 12 साल के किशोर पर हमला किया।

इसके बाद घायल बालक की वीडियो और गुलदार की फोटो सोशल मीडिया के जरिए घर-घर पहुंच गई। सोमवार को लोग दहशत में नजर आए। शाम ढलते ही लोग घरों की कुंडियां बंद कर अंदर कैद हो गए। बच्चों को आंगन तक में नहीं आने दिया गया।

गंगोत्री विहार आवासीय कल्याण समिति के प्रतिनिधि अश्विनी ने बताया कि गुलदार के हमले से लोग दहशत में हैं। कुछ लोगों ने शिक्षकों से ट्यूशन का समय बदलने को कहा है, ताकि शाम ढलने से पहले बच्चे सुरक्षित घर आ जाएं।

वन्यजीव दिखे तो टोल फ्री नंबर घुमाएं ( If you see wildlife, dial the toll free number)

देहरादून। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि कोहरा और अंधेरा जल्दी होने से गुलदार के हमले बढ़े हैं। सबको इसका ध्यान रखना होगा कि अंधेरा होने से पहले घरों में चले जाएं। मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।