अब पढ़ाई से वंचित नहीं रहेगी एक भी बालिका, कॉलेजों में दाखिल देकर बनाई जाएगी हुनरमंद

– डीएम सविन बंसल ने शुरू की पहल, जरूरतमंद बालिकाओं को आर्किटेक्ट, कम्प्यूटर व मेडिकल साइंस आदि व्यवसायिक कोर्स कराए जाएंगे

– जिले की एक भी बालिका आर्थिक तंगी की वजह से नहीं रहेगी पढाई से वंचित, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को दिए निर्देश

जनपक्ष टुडे ब्यूरो, देहरादून: अब ज़िले में अनाथ व निर्बल बालिकाओं के सपने भी साकार होंगे। उनके सपनों को पंख लगाने के लिए जिलाधिकारी सवीं बंसल ने पहल शुरू की है। यदि याद कुछ अभियान के मुताबिक चला तो बालिका शिक्षा को नया आयाम मिलेगा। दरअसल, बालिकाओं का बीच में ही स्कूल छोड़ देना बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ की अलख को चोट पहुंचता है. इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए डीएम सविन बंसल ने 10 से 18 वर्ष के बीच की ऐसी बालिकाओं की ढूंढने करने को कहा है, जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया या फिर स्कूल से ड्रापआउट हो गई है. डीएम ने ऐसी छात्राओं को दोबारा स्कूल में दाखिल कराकर उन्हें स्कूलिंग से जोडऩे की कवायद शुरू की है. यहां तक कि जो बालिकाएं व्यावसायिक शिक्षा करना चाहती है उसके एक साल की एकमुश्ति फीस भी जिला प्रशासन जमा कराएगा।

जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक लेते DM सविन बंसल। 

डीएम बोले, बेटी पढऩे से संवरता है पूरा परिवार
मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में डीएम सविन बंसल ने कहा कि बेटियों को पढ़ाने से सिर्फ एक जिंदगी नहीं संवरती है, बल्कि इससे पूरे परिवार की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है. कहा कि बेटियों की शिक्षा को लेकर रूटीन की गतिविधि से हटकर गंभीरता से कदम बढ़ाने होंगे. उन्होंने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह घर घर जाकर ड्रापआउट छात्राओं की तलाश करें और उन्हें दोबारा स्कूल से जोड़ें. इस दौरान सीडीओ अभिनव शाह, एएमएनए बीर सिंह बुदियाल, एसीईओ स्मार्ट सिटी तीरथ पाल सिंह, सीईओ विनोद ढौंडियाल, डीपीओ बाल विकास जितेंद्र कुमार मुख्य रूप से मौजूद रहे.

बेटियों के लिए अनसेफ स्थानों होंगे चिन्हित
जिलाधिकारी ने कहा कि बेटियों की पढ़ाई में बाधक बनने वाले कारणों की भी पड़ताल करें और उन्हें विकास के लिए असुरक्षित स्थानों को आईडेंटीफाई करें. साथ ही संबंधित स्थानों को सुरक्षित बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं. बेहतर माहौल बनाया जाए और परिवार की काउंसलिंग भी की जाए.

शैक्षणिक टूर कराकर खोलें दिमाग, छात्राओं को कराएं शैक्षणिक भ्रमण
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 11वीं और 12वीं पास करने वाली छात्राओं को साइंस सिटी, एफआरआइ, देहरादून जू का भ्रमण कराया जाए. छात्राओं को प्रेरक मूवी दिखाकर उनका दिमाग खोला जाए और पोषण सुधार की दिशा में भी कार्य किए जाएं. इसके लिए जिलाधिकारी ने योजना संचालित करने की स्वीकृति भी प्रदान की.

व्यावसायिक शिक्षा की ट्रेनिंग लेकर सीखेंगी हुनर
डीएम सवीं बंसल ने बालिकाओं के उत्थान के लिए पीएम जनमन योजना को सफल बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि डोईवाला, सहसपुर, और विकासनगर ब्लाक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से घर घर सर्वे कराकर बोक्सा जनजाति की 10 से 18 वर्ष की ड्रापआउट छात्राओं की पहचान कराई जाए. इन्हें पुन: स्कूल में प्रवेश और उन्नति के लिए प्रयास किए जाएं.

योजना की खास बातें

– अनाथ, निर्बल एवं ड्रापआउट बेटियों के हौसले को लगेगें पंख, बेटियों के भविष्य सुधारने वाली महत्वकांशी योजनाओं को डीएम ने किया स्वीकृत।

– सीडीपीओ गांव-गांव से छांट कर निकाले ड्रापआउट बालिका, बेटी पढाने से एक जिंदगी नही पूरा परिवार होगा उन्नत।

– डीएम ने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ, में रूटीन कार्यों की अपेक्षा प्रभावी स्थायी परिणाम वाली योजनाओं बनाने के निर्देश।

– जरूरतमंद बालिकाओं को आर्किटेक्ट, कम्प्यूटर, मेडिकल साइंस, आदि व्यवसायिक कोर्स के लिए हम करेंगे फंडिंगः डीएम

– प्रचार-प्रसार वितरण रूटीन है, बेटियों के आगे की पढाई एवं व्यवसायिक कोर्स में दाखिल करवाना है

– ड्रापआउट बालिकाओं का घर-घर जाकर हो प्रभावी सर्वें, कोई भी बालिका न रहे पढाई से वंचित।

बालिका शिक्षा में आर्थिक तंगी नहीं आने दी जाएगी आड़े डीएम ने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण कोई छात्रा शिक्षा से वंचित न रहे. इसके लिए सालभर की फीस एकमुश्त जमा कराई जाए. ऐसी छात्राओं के लिए स्कूल ड्रेस से लेकर बैग, स्टेशनरी, किताबें और स्वच्छता किट भी उपलब्ध कराई जाए. साथ ही इच्छुक बालिकाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए.