पेयजल कर्मियों ने सरकार को ललकारा, राजकीयकरण नहीं तो हड़ताल ही विकल्प

– पेयजल निगम और जल संस्थान के एकीकरण की मांग को लेकर कर्मचारियों ने खोला मोर्चा

– दोनों विभागों के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश

जनपक्ष टुडे ब्यूरो, देहरादून: पेयजल निगम और जल संस्थान के एकीकरण और राजकीयकरण की मांग को लेकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है. कर्मचारी नेताओं ने मांगों पर तत्काल कार्रवाई न होने पर प्रदेशभर में आंदोलन की चेतावनी दी. इस दौरान संगठन ने जल निगम एमडी और जल संस्थान के सीजीएम को ज्ञापन सौंपा. जिसमें चेताया गया कि यदि दोनों विभागों के एकीकरण के साथ राजकीयकरण नहीं किया गया, तो उनके पास हड़ताल के सिवाय उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

धरने को सम्बोधित करते अपर सचिव और एमडी पेयजल निगम रणवीर सिंह चौहान, साथ में चीफ इंजीनियर मुख्यालय संजय सिंह। 

सरकार की ढुलमूल नीति से कार्मिकों मैं जबरदस्त आक्रोश 
फ्राइडे को मोहनी रोड स्थित जल निगम मुख्यालय में जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा से जुड़े कर्मचारी बड़ी संख्या में एकत्रित हुए. यहां कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मोर्चा के प्रदेश संयोजक रमेश ङ्क्षबजोला और विजय खाली ने कहा कि विभागीय कार्यों में बाहरी एजेंसियों के हस्तक्षेप पर रोक लगाई जाए. कहा कि जिन एजेंसियों को कार्यों की टेक्नीकल जानकारी ही नहीं है उन्हें पेयजल और सीवर के कार्य सौंपे गए हैं, जो न्याय संगत नहीं है.

एमडी ने दिया आश्वासन
धरना स्थल पर पहुंचे पेयजल निगम के एमडी और अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान ने कहा कि मांगों को लेकर वार्ता चल रही है. उन्होंने आंदोलित कार्मिकों को हड़ताल पर न जाने की सलाह दी है. कहा कि शासन स्तर पर मांग पर मंथन किया जा रहा है, जो भी होगा वह कर्मचारियों को हित को ध्यान में रखते हुए होगा. कहा कि जल्द ही सरकार किसी नतीजे पर पहुंचेगी. उन्होंने आंदोलन स्थगित करने की भी अपील की है. इस दौरान उनके साथ चीफ मुख्यालय संजय सिंह और सीजीएम कपिल सिंह आदि भी मौजूद रहे.

उग्र आंदोलन का किया ऐलान
कर्मचारियों के विरोध के बाद शासन ने जल संस्थान के महाप्रबंधक एवं जल निगम के प्रबंध निदेशक को प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. 27 फरवरी को शासन स्तर पर दोनों विभागों की बैठक करने का फैसला लिया गया है. चेतावनी दी मांग पूरी न होने पर 28 से उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.

धरने पर ये रहे मुख्य रूप से मौजूद 

इस मौके पर कर्मचारी नेता श्याम ङ्क्षसह नेगी, शिशुपाल रावत, जितेंद्र सिंह देव, डीके बंसल, राजीव सैनी, सोहित बर्नवाल, अरविंद सिंह सजवाण, बीएस डोगरा, आशीष भट्ट, सतीश नौटियाल, योगेश कुमार, सचिन कुमार, रविंद्र सिंह, मुज्जमिल हसन, कंचन रावत, भारती रावत, रामकुमार, भजन सिंह चौहान, जगदीश पंवार, अनंत भदूला और ज्योति कोटनाला आदि मौजूद रहे.