– पेयजल योजब के घपले मामले में अधिशासी अभियंता समेत 4 को कारण बताओ नोटिस जारी
– ठेकेदार को 54 लाख एडवांस भुगतान का आरोप, निर्माण नहीं हुआ पूर्ण, दोबारा किए गए योजना के टेंडर
जनपक्ष टुडे ब्यूरो, देहरादून: उत्तरकाशी में देवजानी पेयजल योजना में हुए घपले को लेकर जल निगम ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता सहित चार कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। हालांकि अभी मामले की जांच पूर्ण नहीं हुई और जल्द ही रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। आरोप है कि अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार को करीब 54 लाख रुपये का एडवांस भुगतान किया जबकि निर्माण पूर्ण नहीं हुआ और ठेकेदार फरार हो गया।
ठेकेदार को किया 54 लाख एडवांस भुगतान
बताते चलें कि वर्ष 2022 में जल जीवन मिशन के तहत उत्तरकाशी के मोरी ब्लाक में देवजानी पेयजल योजना के निर्माण का टेंडर हुआ। उत्तरकाशी पेयजल निगम शाखा ने फरवरी 2023 के आसपास कार्य शुरू होने से पहले ठेकेदार को करीब 54 लाख रुपये का एडवांस भुगतान कर दिया। जबकि ठेकेदार ने आधा निर्माण भी पूर्ण नहीं किया और वह मौके से फरार हो गया।
मार्च 2024 में दोबारा किया गया योजना का टेंडर
मामला तत्कालीन अधीक्षण अभियंता के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने अधिशासी अभियंता से इस मामले में सूचना मांगी, लेकिन अधिशासी अभियंता ने कोई जवाब नहीं दिया। रिमांइडर भेजने के बावजूद जब जवाब नहीं आया तो अधीक्षण अभियंता ने इस घटना से मुख्यालय को अवगत कराते हुए मार्च 2024 में योजना का फिर से टेंडर किया। लेकिन एडवांस भुगतान और पूर्व के ठेकेदार का अब तक कुछ पता नहीं चला।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के निर्देश
मुख्यालय में मामला आते ही हड़कंप मच गया। 31 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद घपले की जांच के लिए अधीक्षण अभियंता संदीप कश्यप के नेतृत्व में एक टीम उत्तरकाशी भेजी गई, जिसमें मुख्यालय के अधिशासी अभियंता और लेखाकार शामिल थे। टीम ने मामले की जांच कर ली और रिपोर्ट बनाने का काम चल रहा है।
इन्हें जारी किया गया नोटिस
पेयजल निगम मुख्यालय ने मामले में उत्तरकाशी के तत्कालीन अधिशासी अभियंता मो. मीसम, सहायक अभियंता प्रवीन राज, अवर अभियंता शशिमोहन और लेखाकार महेश भट्ट को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
जांच में मिला पूर्ण समायोजन
सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान टीम को मौके पर एडवांस भुगतान का पूर्ण समायोजन मिल गया है। दरअसल पूर्व के ठेकेदार ने वहां करीब 23 लाख रुपये का निर्माण किया और मौके पर उसके करीब 3 लाख रुपये के पाइप मिले हैं। जिसे विभाग ने जब्त कर लिया और नए ठेकेदार ने उन पाइपों को लेकर निर्माण करने में सहमति जता दी है। इसके अलावा विभाग के पास पूर्व ठेकेदार का करीब आठ लाख रुपये सुरक्षा राशि के तौर पर जमा है। हालांकि विभाग ने जांच रिपोर्ट मिले बिना इसकी पुष्टि नहीं की है।
” देवजानी पेयजल योजना मामले में तत्कालीन अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया है। भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। “
रणवीर सिंह चौहान, प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड पेयजल निगम