जनपक्ष टुडे ब्यूरो, देहरादून: बिजली से जुड़े तीनों निगम यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकल प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजना बनाएंगे। 5, 10, 15 वर्ष से लेकर 25 से 30 वर्षों का यह एजेंडा अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन ने इस संबंध में ऊर्जा निगम प्रबंधनों को निर्देश दिए। उन्होंने जलविद्युत निगम और ऊर्जा निगम को देनदारी का सरकार को भुगतान समन्वय से करने को कहा। साथ में राज्य में न्यूक्लियर पावर प्लांट की संभावना का अध्ययन करने के निर्देश भी दिए।
निर्धारित समय में पूरे हों प्रोजेक्ट्स
चीफ सेकरेट्री आनंद बर्धन की अध्यक्षता में शनिवार को जीएमएस रोड स्थित उत्तराखंड जल विद्युत निगम के सभागार में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें तीनों निगमों के गतिमान कार्यों, उनकी वर्तमान स्थिति, प्रगति, भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श हुआ। मुख्य सचिव ने राज्य के नागरिकों को स्वच्छ, सुलभ और विश्वसनीय ऊर्जा उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निगमों को अपने सभी प्रोजेक्ट निर्धारित समयावधि में पूरे करने होंगे। इनमें आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र और राज्य के संबंधित मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों से समन्वय कर समाधान ढूंढ़ा जाना चाहिए।
मुख्य बिंदु
– ऊर्जा के तीनों निगम बनाएंगे 5 से लेकर 30 साल तक की योजनाएं –
यूपीसीएल और यूजेवीएनएल सरकार को निर्देश, सरकार की देनदारी का करें भुगतान
– उत्तराखंड में न्यूक्लीयर पावर प्लांट की स्थापना की संभावना तलाशने को होगी स्टडी
स्मार्ट मीटर लगाने में लाई जाए तेजी
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रोजेक्ट के तकनीकी, आर्थिकी और व्यवसायिक व्यवहारिकता का ध्यान रखा जाए। प्रशासनिक, वित्तीय, तकनीकी एवं पर्यावरणीय स्वीकृतियां प्राप्त होने के पश्चात ही निविदा प्रक्रिया प्रारंभ की जानी चाहिए। इससे प्रोजेक्ट को पूरा करने में अवरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने तीनों निगमों को उनके महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की प्रारंभिक लागत, विलंब की दशा में बढ़ी हुई लागत और ऊर्जा दक्षता में होने वाली हानि रोकने को व्यावहारिक उपायों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
सीएम की घोषणाओं की हो नियमित समीक्षा
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम और उत्तराखंड ऊर्जा निगम की सरकार को देनदारी का आपसी समन्वय से भुगतान करें। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि एशियाई विकास बैंक, राज्य को विशेष सहायतित अनुदान प्राप्त प्रोजेक्ट और मुख्यमंत्री की घोषणाओं से संबंधित प्रोजेक्ट की प्रगति के लिए नियमित अनुश्रवण किया जाए। सभी प्रोजेक्ट में अनिवार्य रूप से संबंधित निगमों के बोर्ड की संस्तुति अनिवार्य रूप से प्राप्त करनी होगी।
बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 4264 मेगावाट हुई
जल विद्युत निगम ने बताया कि राज्य गठन के समय राज्य की स्थापित विद्युत क्षमता 1101 मेगावाट थी। यह वर्तमान में बढ़कर 4264 मेगावाट हो गई है। निगम ने वर्ष 2024- 25 में 1136 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जबकि 95 करोड़ का लाभ भी प्राप्त किया।
बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव रंजना राजगुररू, ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार, जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल और पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
तीनों निगमों को ये भी दिशा निर्देश जारी
ऊर्जा निगम
– तराई वाले जिलों के खंडवार विद्युत लास का विवरण उपलब्ध कराएं।
– स्मार्ट मीटर के प्रोजेक्ट के कार्यों में तेजी लाएं और समय से पूरा करें।
– उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में प्राथमिकता से लगाएं स्मार्ट मीटर
– भूमिगत लाइन के प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए जिला प्रशासन तथा संबंधित विभागों से नियमित समन्वय कर दैनिक प्रगति बढ़ाएं
पिटकुल
– केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण से राज्य के पारेषण तंत्र का विस्तृत अध्ययन कराया जाए ताकि पारेषण तंत्र में सुधार लाया जा सके
– विद्युत लास रोकने और सुरक्षा की ²ष्टि से हाइटेंशन लाइन का नियमित निरीक्षण करें, नई तकनीक को हो उपयोग। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
– पारेषण तंत्र के विस्तारीकरण को भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की धनराशि बढ़ाने पर हो विचार
यूजेवीएनएल
– राज्य में न्यूक्लियर पावर प्लांट की संभावना का करेंगे अध्ययन
– निर्माणाधीन लखवाड बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यों में तेजी लाएं
– सभी विकासशील परियोजनाएं कब से शुरू हुई, वर्तमान में किस स्तर पर हैं तथा कब तक पूर्ण होंगी, इसका विस्तृत विवरण प्रस्तुत करेंगे