सिरवालगढ़ में फिर फटा बादल, भारी तबाही, मालदेवता व सेरकी में भी बहे संपर्क मार्ग

– भारी बारिश और मलबे से क्षेत्र बड़ी मात्रा में फसलें टूटना, सिरवालगढ़ में एक वर्ग। सड़क आउटलेट से आउटलेट

जनपक्ष स्टाफ ब्यूरो, मॉस्को: राजधानी मुख्यालय के शोरूम से स्टेट सिरवालगढ़ में बादलों की दुकान से तबाही मची है। अतिवृष्टि से आये पैमाने ने पानी के पानी के बहाव को डायवर्ट कर दिया, जिससे गदेरे का पानी सड़क पर बिखरी आबादी में घुस गया। बाढ़ के कारण जो यूनिट वाला मैन रोड बह गया। तो वहीं कई जगहों पर भारी मालबा मुख्य मार्ग से पटा गया। वहीं किसानों की सहमति में सोया बेरी मालबा में उनकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है। आज सुबह ही सूचित किया गया कि क्षत्रियों का दौरा करने के लिए प्रभावित होकर आई थीं मार्शल सोनिका। वे अधिकारियों को क्षेत्र में सामग्री जारी करने के साथ ही छुट्टी के रास्ते से जल्द ही ले जाने के निर्देश देते हैं।

सिचाई विभाग को जल्द ही मालबा से हटाने के निर्देश
टीचर सोनिका ने रिकॉल एवं संबंधित अधिकारियों के साथ मौका मुआवना करते हुए गांव के उपरी चोर पनहुचे जहां पर सीचना विभाग द्वारा निर्मित चाकडॉम पनहुचे। उक्त स्थल से वर्षा के पानी का तेज बहाव के साथ मालबा लेकर सड़क एवं मरा पाइप लेन को क्षतिग्रस्त पंहुचाते हुए मुख्य मार्ग तक पंहुचे। रिकॉर्ड्स ने निरीक्षण के दौरान उपस्थित उप-स्टॉकुलर सरदार को निर्देश दिया कि क्षति का भुगतान करने के लिए आवश्यक दस्तावेज सुनिश्चित किए जाएं। सीलिंग एवं विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सड़क से पानी की निकासी की जांच की जाए।
शिक्षकों ने निर्देश देते हुए कहा कि जनसंख्या क्षेत्र में जल एवं उत्खनन से नुकसान न हो इस बात को नामांकित से लिया जाएगा। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्र में वर्षा को लेकर पिछले सत्र को निर्देशित किया गया कि मौसिकी पर पर्यवेक्षण विश्वसनीयता और संबद्ध कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
पुडुचेरी ने गदेरे में पानी बेचने वालों को सॉलिड योजना बनाने की सलाह दी
मालदेवता प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए यहां स्थित स्मारक सेरकी गांव पंहुची जहां पर अतिवृष्टि से हुई क्षति का निरीक्षण करते हुए गए थे, गांव के उपरी गांव पर पंहुची जहां पर वर्षा के पानी से हुए नुकसान का निरीक्षण करते हुए हुए सारे गांव पंहुचकर अतिवृष्टि से घर में घुसे मलबा का अनुगमन करते हुए प्रभावित परिवार का हालचाल जाना।
ग्रामीण महिलाओं ने नामांकन को वर्षा के दौरान गदेरे से आने वाले पानी के उत्पादकों के लिए बड़े पैमाने पर कमाई का मौका दिया। जिस पर एवं मेमोरियल ने मॉक पर उपस्थित सीलिंग विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि तटीय क्षेत्र से लेकर उपरी क्षेत्र तक पानी की सजावट का काम किया जाए। वे गदेरे से आए किले को युद्धस्तर पर काम करते हुए मलबा से निकालने के निर्देश दिए गए ताकि मियामी इलाके को किसी प्रकार का नुकशान न हो जहां विश्राम को निर्देशित किया जाए ताकि वर्षा के दौरान सुरक्षा को दृष्टिगत रखा जा सके और निगरानी के लिए टीम बनाई जाए। क्षति का अभिलेखन एवं अभिलेखन के निर्देश नीचे दिये गये हैं।
2 किमी. पैदल यात्रा, आतिथ्य का प्रश्न हालचाल
एसोसिएट्स ने एसोसिएटेड नगर में मजिस्ट्रेट कर्मचारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्र में रेलवे विभाग को अपने-अपने हिस्से से संबंधित नौकरियों के लिए तत्काल सम्पादन के लिए समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए जाएं। इसके बाद मेमोरियल सोनिका ने अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्र सिरवालगढ़ का निरीक्षण किया। जहां लगभग 2 किमी पैदल यात्रा का निरीक्षण किया जाता है, साथ ही हर जगह का दौरा करते हुए गांव के उपरी चोर पंहुची का दौरा किया जाता है।
भूटाव से खतरा
अतिवृष्टि के भू-कटाव हुआ तथा इस दौरान रिलीका का खेत, रास्ता, नदी में बनी सड़क के पुल के ठीक सामने से मालबा डंप होने से नदी के पानी का सूखा सड़क एवं जनसंख्या, खेंतो की ओर आया, जिससे सड़क एवं नाली को नुकसान हुआ है. वॉस्टर पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशिक्षुओं ने दिए निर्देश, निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि न हो

फ़्रॉस्टेल ने यह भी निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्र में आपदा को देखते हुए तत्काल कार्य सम्पादित किये जायेंगे, जनमानस को किसी प्रकार की हानि न हो इसका ध्यान रखा जायेगा। प्रभावित क्षेत्र में किसी प्रकार का जनमूल की क्षति नहीं हुई है। निरीक्षण के दौरान नगर मजिस्टेªट प्रत्यूष सिंह, उप-स्तरीय सदर्यन सदर हरिगिरि, दीक्षांत दर्शन सींल संजय राज, अधि.अभि.सिंचाई दिनेश उनियाल, अधि.संख्यक अभियंता राजवंश भृगुनाथ मठ और अध्यक्ष सदर विवेक राजसौरी आदि मुख्यरूप से मौजूद रहे।

15 साल पहले भी हुई थी अतिवृष्टि से तबाही
सिरवालगढ़ में तबाही का यह मंज़र 15 साल बाद फिर से दिखाया गया। जहाँ बॅसामी किसानों की फ़सलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। तो वहीं उनके घरों में पानी और मलबा घुस गया। जिससे भारी परेशानी उठानी पड़ी है। इसके अलावा सोनिका ने भी नोटिस जारी कर अधिकारियों के निरीक्षण के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता एस्टीमेट बिश्ट ने बताया कि रात 10:30 बजे सिरवालगढ़ के सबसे बड़े बादल फाटा, जिस गांव के राकेश कंडारी, प्रेम पांडे, सुंदर कंडारी, एलोयड कंडारी, युवा कंडारी, दिगंबर कंडारी, दिग्गज कंडारी आदि की किस्मत खराब हो गई। साथ ही उनके घर में पानी भर गया। जिससे बड़ा नुकसान हुआ है.
उन्होंने बताया कि इसी तरह की घटना वर्ष 2008 में भी घटी थी। उन्होंने बताया कि क्लाउड रिव्यू से लेकर लगभग मुख्य मार्ग का एक किलोमीटर हिस्सा बह चुका है और प्रिंस लाइन में भी पूरी तरह से तोड़फोड़ हो चुकी है। अब नेचुरल सोर्स का ही सहारा है। उन्होंने बताया कि नाइट क्लाउड रेडियो के बाद के रीव्यूज़ ने रात गुजराती में ही सूर्यास्त का रास्ता दिखाया। इसके अलावा सेमल खाला में भी पानी आने से स्थानीय सौ लोगों को काफी नुकसान हुआ है।

स्थानीय निवासी आनंद मनवाल ने बताया कि रात में तेज बारिश और भारी मलबा आने से मंडवा, धान, मक्की, ङ्क्षभडी आदि की भयंकर तबाही हुई है। उन्होंने बताया कि स्थानीय ग्रामीण चरण मनवाल की मक्का वजीर की फसल भी इस पानी में बह गई। उन्होंने प्रभावितों के लिए सोसायटी की मांग की है।

दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चार स्थानों पर टूटेकर गिरी चट्टानें
दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर जुड्डो और हथियारी के बीच चार स्थानों पर पहाड़ दरकने से बोल्डर और मलबा रोड पर आने से बाधा उत्पन्न हो गई है। जिससे सड़क के दोनों ओर सामुहिक की लंबी कतारें लग गईं। एनएच व लोनिवि निर्माण खंड ने हाईवे से मलबा निकालने के लिए जीप बुक की है। बताया जा रहा है कि उस रात से बंदा हाईवे पर अभी तक कम्यूनिटी का ऑपरेशन पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया। अभी तक औद्योगिक वाहनों के लिए ही लिटिल रास्ता साफ किया गया है। जबकि भारी वाहन लाखवाड़ बैंड से जुडडो प्लाजा वाले मार्ग से लक्ष्य को हासिल कर रहे हैं।

जौनसार बावर व पछवादून में किसान व भुक्ताव के कारण सड़कें बंद हो रही हैं। यमुनोत्री मोटर मार्ग केकेएम 26 से 38 के बीच चट्टानें तोड़कर गिराने से चार मंजिलों पर यूनिवर्सिटी दिल्ली में हो गई। जिस कारण से अलगाव की कतारें लग गईं। अचयनित को मार्ग न स्टॉक पर अन्य रेलवे से गंतव्य तक जाना पड़ा। हाइवे पर चलने वाली गाड़ियों ने राहत की सांस ली।
मालदेवता में बैंक व स्कूल में बाए मालबा
मालदेवता, सेरकी गांव और सिरलवालगढ़ में अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ। मालदेवता क्षेत्र इस प्रमुख क्षेत्र में लगातार आपदा का दंश झेल रहा है। मालदेवता में पंजाब नेशनल बैंक और कॉलेज परिसर में मालबा में रात को भारी बारिश हुई। जिससे सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। इसके अलावा क्षेत्रीय कल्याण निवासी ङ्क्षसह और राजेंद्र भंडारी के मकान में भी मालबा आने से क्षति हुई।

कई घरों में बारिश का पानी घुस गया और सामान खराब हो गया। ग्रामीण ग्रामीण महिलाएं बिलखती नजर आईं। बौथा गांव को जाने वाले मार्ग पर भारी मात्रा में बारिश का पानी से ओविवि हो गया। कई जगहों पर पाइपलाइन के माध्यम से सड़क मार्ग बनाए जा रहे हैं। रेस्टुरेंट मलबा निकालने का कार्य चल रहा है।

किमाड़ी मार्ग मालबा आने से बंदा
मेमोरियल से मसूरी जाने के वैकल्पिक मार्ग किमाड़ी रोड पर भारी मात्रा में मालबा आ गया। जिस मार्ग को साकेत की सुपरमार्केट के लिए बंद कर दिया गया। ऐसे में किमाड़ी और रिखोली समेत कई गांवों का संपर्क टूट गया है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और बाजार से जरूरत का सामान भी गांव तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

देर शाम तक जिप्सी से मालबा निकालने का कार्य जारी है, लेकिन फिर भी छोटे स्टूडियो की ही छुट्टी शुरू हो गई है। इधर, नानूर में स्थित सामाजिक भवन में पुस्ता और दीवार ढहने के बाद बारिश का पानी आसपास के घरों में घुस रहा है। जिसे देखते हुए स्थानीय महिलाएं स्वयं ही रेत-बजरी के कट्टों से दीवार का निर्माण करने में लग गईं।
गुरुवार को भी भारी बारिश हुई
उत्तराखंड में स्पीड रैरा का स्क्रीनशॉट जारी है। पर्वत से मैदान तक जगह-जगह भारी वर्षा का दौर हो रहा है। पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण दुश्वारियां बढ़ी हैं और जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में अगले कुछ दिन का मौसम इसी प्रकार का रहने का अनुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम ङ्क्षसह के अनुसार, आज बागेश्वर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसे लेकर ऑरेंज ऑफर जारी किया गया है। कहीं भी, कहीं भी, कहीं भी, कहीं भी, कहीं भी सीमेंट-चमक के साथ तीव्र वर्षा के एक से दो दौर हो सकते हैं। अन्य अनूठे में पार्टिकल बादल छाये रहने का खतरा है।