Chandigarh: लोकसभा से ज्यादा अहम क्यों है चंडीगढ़ मेयर का चुनाव? BJP के सामने AAP-कांग्रेस की चुनौती कितनी?

Why is Chandigarh Mayor’s election more important than Lok Sabha? What is the challenge of AAP-Congress before BJP?

चंडीगढ़ में इन दिनों शहरी निकाय चुनाव को लेकर सियासी पारा गर्म है। यहां गुरुवार (18 जनवरी को) नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए मतदान होना है। विपक्षी गठबंधन के दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए गठबंधन ने चुनाव को रोचक बना दिया है।

चंडीगढ़ में नगर चुनाव कार्यक्रम क्या है? ( What is the city election schedule in Chandigarh)

चंडीगढ़ के मेयर, डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए गुरुवार (18 जनवरी) को चुनाव होंगे। सुबह 11 बजे दोबारा मतदान प्रक्रिया शुरू होगी. जिला 17 में नगर प्रशासन कार्यालय में। मतदान पहले महापौर के लिए, फिर उप महापौर के लिए और अंत में उप महापौर के लिए होगा। मतदान मतपत्र से होता है। इससे पहले, इच्छुक उम्मीदवारों ने 13 जनवरी को सुबह 11 बजे से इस पद के लिए अपना नामांकन जमा किया था। शाम 5 बजे तक

पिछले साल चंडीगढ़ के मेयर, डिप्टी चेयरमैन और डिप्टी मेयर के लिए 17 जनवरी को चुनाव हुए थे.

 कैसे होगा ये चुनाव? ( How will this election be held)

चंडीगढ़ में हर साल मेयर, डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव होते हैं। ये सभी शर्तें केवल एक वर्ष के लिए वैध हैं। इस वर्ष महापौर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। स्थानीय चुनावों में आम लोग वोट नहीं देते. इस चुनाव में वोट देने के हकदार सदस्य जनता द्वारा चुने जाते हैं।

चुनाव का चेहरा कौन है? ( Who is the face of the elections)

मनोज सोनकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के चंडीगढ़ नगर निगम के उम्मीदवार हैं। इस बीच, भाजपा ने कुलजीत संधू को अपना डिप्टी मेयर उम्मीदवार और राजिंदर शर्मा को अपना डिप्टी मेयर उम्मीदवार बनाया है।

इन चुनावों से पहले, विपक्षी दलों अखिल भारतीय कांग्रेस और AAP ने गठबंधन बनाया। समझौते के मुताबिक, कुलदीप कुमार टीटा आप के मेयर पद के उम्मीदवार होंगे. इस बीच, कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह गाबी और निर्मला देवी क्रमशः मुख्य उप और उप महापौर पद के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

कैसा है चंडीगढ़ नगर निगम का समीकरण? ( How is the equation of Chandigarh Municipal Corporation)

इन चुनावों में चंडीगढ़ के सभी 35 पार्षदों के साथ चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर भी वोट डालेंगी। 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में मौजूदा समीरकरण देखें देखें तो भाजपा के पास सबसे ज्यादा 14 पार्षद के साथ एक सांसद का वोट है। चुनाव में पदेन सदस्य के तौर पर चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर का भी वोट है। आप के पास 13 पार्षदों के वोट हैं। इसके बाद कांग्रेस के सात तो अकाली दल का एक पार्षद है।

आप और कांग्रेस में गठबंधन से मेयर चुनाव के सारे समीकरण बदल गए हैं। दोनों में गठबंधन होने पर आप और कांग्रेस के 20 वोट हो जाते हैं, जबकि मेयर बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 19 का है। ऐसे में पिछले कई वर्षों से मेयर की कुर्सी पर बैठी भाजपा की बादशाहत खतरे में है।

निकाय चुनाव में दल बदल कानून न लागू होने के कारण मेयर चुनाव में पार्षदों की तरफ से क्रॉस वोटिंग का अंदेशा रहता है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में क्रॉस वोटिंग और वोट डैमेज घोषित होने से भी चुनाव नतीजे बदलते रहे हैं। डैमेज वोट की गिनती नहीं की जाती और उसे इनवैलिड (अयोग्य) करारा दे दिया जाता है। इन्हीं कारणों से जरूरी बहुमत नहीं होने के बावजूद भाजपा कई बार चुनाव जीत चुकी है।

2022 के अंत में हुए नगर निगम चुनावों में आप ने सबसे ज्यादा 14 सीटें, भाजपा ने भी 14 और कांग्रेस ने छह सीटें जीती थीं, एक पार्षद अकाली दल का जीता था। इस चुनाव से अकाली दल और कांग्रेस अनुपस्थित रहे थे। ऐसे में आप और भाजपा दोनों के उम्मीदवारों को 14-14 पार्षदों ने वोट किया था। भाजपा सांसद किरण खेर के वोट के चलते तीनों पदों पर भाजपा उम्मीदवारों की जीत हुई थी। कोई भी वोट डैमेज वोट नहीं करार दिया गया था।

मई 2023 में आम आदमी पार्टी की पार्षद तरुणा मेहता ने पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद चंडीगढ़ नगर निगम में 14 पार्षद वाली भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी। वहीं, आप के पार्षदों की संख्या घटकर 13 हो गई थी। वहीं, छह पार्षदों वाली कांग्रेस के पार्षदों की संख्या बढ़कर सात हो गई थी।

यह चुनाव क्यों अहम है? ( Why is this election important)

चुनाव से पहले आप और कांग्रेस के गठबंधन ने इस लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव इंडिया समूह और भाजपा के बीच पहला चुनावी मुकाबला होगा। आप और कांग्रेस के साथ आने से इस मुकाबले को आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव की नींव रखेगा।