किसान विरोध: मोदी सरकार से बातचीत विफल, भविष्य के लिए किसानों की क्या योजना है?

Talks with Modi government failed, what are the farmers’ plans for the future?

किसानों के विरोध पर नवीनतम समाचार: सोमवार शाम (बहमन 29) तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसानों की चौथी बैठक में सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए, किसानों ने इस आंदोलन को रोक दिया और घोषणा की कि वे दिल्ली में अपना मार्च जारी रखेंगे। .

किसान नेताओं ने घोषणा की है कि वे बुधवार सुबह 11 बजे से ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू करेंगे और सभी फसलों के लिए कानूनी एमएसपी गारंटी की मांग करेंगे। किसानों ने इस आंदोलन की आगे की योजना पर भी बात की.

1. वर्तमान में 23 उत्पादों के लिए एमएसपी वैधानिक गारंटी अनिवार्य है ( Currently MSP statutory guarantee is mandatory for 23 products)

भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जयजीत सिंह दलवाल ने रविवार शाम को कहा कि प्रस्ताव पर केंद्र द्वारा विस्तार से चर्चा की गई और प्रदर्शनकारी किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथी बैठक में इसे पेश किया गया। चर्चा के बाद हमने निष्कर्ष निकाला कि यह किसानों के लिए हानिकारक है। हम सभी 23 मामलों में एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अपने आह्वान पर कायम हैं।

2. अब नहीं होंगी बैठकें, सरकार को लेना है फैसला. ( There will be no meetings now, the government has to take a decision)

किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पानकर ने कहा कि ‘दिल चलो’ विरोध बुधवार सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा। दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू करें. हमें विरोध करने की अनुमति दी जानी चाहिए.’ हमें आंदोलन शुरू करने का अधिकार है. अब मीटिंग की कोई जरूरत नहीं है.’ सरकार को अब निर्णय लेना होगा. किसानों के लिए हरियाणा-पंजाब बॉर्डर खोला जाए.

3. हमारा अनुरोध स्वीकार करें या हमें दिल्ली जाने दें ( Accept our request or let us go to Delhi)

कैप्टन सिंह पांगर ने कहा कि वह सरकार से अनुरोध करना चाहते हैं कि या तो हमारा आवेदन स्वीकार कर लिया जाए या हमें दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए। प्रदर्शनकारी किसान बैरियर तोड़ना नहीं चाहते, लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता. हम कोशिश करते हैं कि किसी को ठेस न पहुंचे. हम नहीं चाहते कि कोई मरे. लेकिन ये सरकार सुन नहीं रही है.

4. पंजाब के हर गांव के किसानों से बॉर्डर पर आने की अपील ( Appeal to farmers of every village of Punjab to come to the border)

बीकेयू (एकता सिधुपुर) के महासचिव काका सिंह कोटडा ने पंजाब के हर गांव से किसानों से मंगलवार तक खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जुटने का आग्रह किया है. तीन कृषि यूनियनों – पंजाब किसान यूनियन (बागी), सदा एका जिंदाबाद मोर्चा पंजाब और किसान मजदूर नौजवान एकता पंजाब ने भी खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जाकर किसान आंदोलन में शामिल होने व विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने का वादा किया है.

5. हम नहीं होंगे उग्र, शांति से जीते जाते हैं आंदोलन ( We will not be aggressive, movements are won peacefully)

सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि सरकार की नियत में खोट है. नियत साफ होती तो ऐसा न करते. सरकार जल्द बताए कि C2+50 का फॉर्मूले पर क्या कर रही है? मनरेगा मजदूरी पर क्या कर रही है?  बैठक में मंत्री 3 घंटे देरी से आते हैं. इतना समय किसी के पास नहीं है. शांति से आंदोलन जीते जाते हैं. सरकार चाहती है कि हम उग्र हों, लेकिन हम उग्र नहीं होंगे. अगर सरकार मसला हल नहीं क सकती तो आराम से हमें दिल्ली जाने दे.