2030 तक 500 गीगावॉट ग्रीन एनर्जी का टारगेट अचीव करने में उत्तराखंड निभाएगा सबसे अग्रणी भूमिका

उत्तराखंड देश-दुनिया राजकाज
खबर शेयर करें

– उत्तराखंड सें पर्यावरणीय प्रवाह को छोड़े जा रहे जल श्राव के कारण होने वाली विद्युत उत्पादन हानि के सापेक्ष 1.25 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट की दर से प्रतिपूर्ति देने की भी उठाई मांग

जनपक्ष टुडे ब्यूरो, देहरादून: जल विद्युत एवं पम्प स्टोरेज आधारित परियोजनाओं के विकास को तेजी सें आगे बढ़ाने को दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक में मंथन हुआ।  केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह की अध्यक्षता में जल विद्युत एवं पंप स्टोरेज आधारित परियोजनाओं के विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में उत्तराखंड समेत सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया

ग्रीन एनर्जी के डेवलपमेंट को लेकर दिल्ली में आयोजित बैठक में उत्तराखंड का पक्ष रखते यूजेवीएन लि. के एमडी संदीप सिंघल। 

सम्मेलन में हरित ऊर्जा के विकास पर हुआ गहन मंथन 

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक से पूर्व एसोचैम द्वारा इसी विषय पर मंथन के लिए एक एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देश की ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख संस्थाएं जैसे केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग, राज्य विद्युत नियामक आयोग के साथ ही केंद्र और राज्य के प्रमुख और निजी विकासकर्ताओं के अध्यक्ष, उनके प्रतिनिधियों द्वारा विस्तार से इस विषय पर चर्चा की गई।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 2030 तक के लक्ष्य को पूरा करने को राज्य बढ़चढ़ कर योगदान करें 

उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व सचिव मुख्यमंत्री और ऊर्जा डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रबंध निदेशक यूजेवीएन लिमिटेड संदीप सिंघल द्वारा किया गया। केंद्रीय मंत्री आर.के.सिंह द्वारा बैठक में उपस्थित सभी हितधारकों से अपेक्षा की गई कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 500 गीगावॉट क्षमता की हरित ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना वर्ष 2030 तक किए जाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी देशभर की सभी संस्थाएं इसमें बढ़-चढ़कर अपनी रचनात्मक भूमिका निभाते हुए पूर्ण योगदान देंगी।

परियोजनाओं के डेवलपमेंट को दिया केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने उत्तराखंड को हर संभव मदद का भरोसा 

यूजेवीएनएल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने बैठक में आश्वासन दिया कि परियोजनाओं के डेवलपमेंट में केंद्र सरकार राज्य को हर संभव मदद देने को तैयार है।ऊर्जा सचिव डॉ. आर. मीनाक्षीसुंदरम ने केंद्रीय मंत्री को राज्य में ऊर्जा की नई निर्माणाधीन एवं विकासाधीन परियोजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। साथ ही ऊर्जा क्षेत्र की भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए राज्य का पक्ष रखा।

नियमावली में संशोधिन का किया अनुरोध 

सचिव ऊर्जा डॉ. मीनाक्षीसुंदरम के नेतृत्व में उत्तराखंड के प्रतिनिधियों द्वारा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष विद्युत परियोजनाओं के टैरिफ को युक्तिसंगत बनाने के लिए इसे प्रारंभिक वर्षों में कम रखते हुए आगे के वर्षों में समान दर से वृद्धि नीति को अंगीकार करने के लिए केंद्रीय और राज्य विद्युत नियामक आयोग को संबंधित नियमावली में आवश्यक संशोधन किए जाने को निर्देशित करने का अनुरोध किया गया।

प्रतिपूर्ति की उठाई मांग 

इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य के प्रतिनिधिमंड ने अतिरिक्त पर्यावरणीय प्रवाह को छोड़े जा रहे जल श्राव के कारण होने वाली विद्युत उत्पादन हानि के सापेक्ष 1.25 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट की दर से प्रतिपूर्ति किए जाने का भी ऊर्जा मंत्री के समक्ष समुचित रूप से अपना पक्ष रखा गया। एमडी श्री सिंघल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री द्वारा बैठक में दिए गए सुझावों को गंभीरता पूर्वक लेते हुए इस विषय पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।

ग्लोबल समिट के लिए किया आमंत्रित 

उन्होंने कहा कि सचिव डॉ. मीनाक्षीसुंदरम ने सम्मेलन में इस वर्ष के अंत में उत्तराखंड राज्य द्वारा आयोजित किए जाने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बारे में जानकारी देते हुए सभी को इस अवसर का लाभ उठाने और उत्तराखंड में निवेश की बेहतरीन संभावनाओं के दृष्टिगत उन्हें उक्त इंवेस्टर्स सम्मेलन के लिए आमंत्रित भी किया।बैठक में उत्तराखंड राज्य की ओर से प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल यादव, यूजेवीएन लिमिटेड के अधिशासी निदेशक पंकज कुलश्रेष्ठ के साथ ही अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।