

– रेसक्यू टीम ने अब तक दो मासूमों के शव निकाले, दो के शव बरामद करने के लिए रेसक्यू अभियान जारी किया
जन-प्रतिमा ब्यूरो, चित्र दुर्घटना दुर्घटना के पच्छादों में एक दिल दहलाने वाला दुखद हादसा हो गया। चार मंजिला मकान में एकाएक लगी भीषण आग से चार मासूम बच्चियों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। आग लगने की वजह से पूरा जी रसोई गैस सिलेंडर के फटने से खुलने की बताई जा रही है।घटना के बाद फायर ब्रिगेड स्थानों पर पहुंचें। कड़ी मशक्कत के बाद भी आग लगने पर मौका नहीं मिला। वहीं, लोगों ने आरोप लगाया कि घटना स्थल पर बिग्रेड में पर्याप्त पानी नहीं था, जिसके कारण आग लगने में काफी देर हो गई।

जानकारी के मुताबिक, त्यूणी में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत कर्मचारी सूरतराम जोशी का लकड़ी का चार मंजिला घर सड़क किनारे स्थित है, जिसमें मकान मालिक समेत 4 अन्य परिवार किराये पर रहते हैं। बताया जा रहा हैं कि गुरुवार देर शाम करीब 4 बजे चौथी मंजिल में रसोई गैस सिलेंडर में गैस समाप्त होने पर परिजन सिलेंडर बदल रहे थे।नया सिलेंडर लीकेज होने से अचानक सिलेंडर में आग लग गयी, जिसके चलते सिलेंडर फट गया और पूरे मकान में आग लग गयी।
देखते ही देखते मकान धू-धूकर जलने लगा। पूरे मकान में धुंआ फैल गया। जिससे कहीं कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। चौथी मंजिल में तीन परिवार रहते हैं। मकान में आग लगने से 4 बच्चियों के चपेट में आने से वह जिंदा जलने से मौत के मुहाने में चले गई। बच्चों के माता -पिता किसी तरह से बचकर बाहर निकल आये और आग में फंसे अपने बच्चों को तलाशते रहे।
आग लगने से अफरा तफरी मच गयी। मकान में रह रहे सभी लोग अपनी-अपनी जान बचाकर भागने लगे, जिसमें रहने वाले तीनों परिवारों के बंड़े व्यक्ति तो बच निकले। एक महिला अपने बच्चे को किसी तरह से बचाकर बाहर ले आयी। हालांकि इस दौरान बच्चे को बचाने में महिला खुद बुरी तरह से झुलस गयी, लेकिन चार बच्चियां आग में फंस गयी।
चारों बच्चियों की आग में जिंदा जलकर मौत हो गयी। जिनमें सोनम 9 वर्ष, रिद्धी दस वर्ष, मिष्टी पांच वर्ष व सेजल ढाई वर्ष शामिल हैं। एसडीएम कालसी, सीओ विकासनगर, एसपी देहात सहित पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे।
लोगों में भारी आक्रोश
वहीं दमकल विभाग व स्थानीय पुलिस की लापरवाही के चलते लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा दमकल विभाग के कर्मियों पर फूट पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी में पहले से पानी भरा होता और समय पर टीम मौके पर पहुंचती तो बच्चों की जान बचाई जा सकती थी
उधर फायर मोरी व रोहडू से फायर ब्रिगेड की गाडियों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। फायर सर्विस के पास पानी कम पड़ने पर हिमाचल प्रदेश से पंप मंगाकर टौंस नदी से पानी सीधे पंप के जरिये खींचा गया, जि सके बाद देर रात नौ बजे तक आग पर काबू किया जा सका है, लेकिन अफसोस कि मासूमों कि जानें नहीं बचाई जा सकी।
दमकम वाहनों के पास नहीं था पानी
रसोई गैस फटने की वजह से घर में आग लगने के बाद इलाकों में अफरा-तफरी मच गई थी। लोग आग बुझाने का भरपूर प्रयास कर रहे थे। लोगों का आरोप था कि आग लगने की सूचना देने के करीब-करीब आधे घंटे बाद दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची थी। आरोप है कि दमकम गाड़ी में आग पर काबू पाने के लिए पर्याप्त पानी भी नहीं था।
बता दें कि त्यूणी में तैनात फायर ब्रिगेड के वाहन में पानी समाप्त होने के बाद स्थानीय लोगों ने उत्तरकाशी के मोरी और हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू में सूचना दी, जिसके बाद वहां से फायर ब्रिगेड के वाहन घटनास्थल पर पहुंचे। दोनों वाहनों के पहुंचने के बाद मझोग से पानी भरकर फायर ब्रिगेड का वाहन भी पहुंच गया। लेकिन तब तक आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था कि आग पर नियंत्रण पाने में पांच घंटे लग गए।
लगातार धमाकों से मची दहशत
चौथी मंजिल पर चार परिवार रहते हैं। बताया जा रहा है कि एक परिवार के सिलेंडर में आग लगी, जिसके बाद आग ने बढ़ती गई और अन्य परिवारों के रसोई तक पहुंचने लगी, जिससे एक के बाद एक सिलेंडर फटते गए। बताया जा रहा कि मकान से लगातार हो रहे धमाकों से दहशत मच गई, जिसके चलते कोई भी घर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया और घर के अंदर मौजूद चारों बच्चियां जिंदा जलकर राख हो गई। हृदय विदारक एस घटना से हर कोई स्तब्ध है।
क्षेत्रीय अग्निश्मन सहित 4 कर्मचारी सम्बद्ध
सरकार ने ट्यूनी अग्निकांड मामले में कार्य करते हुए ट्यूनी के अग्निशमन आरोप सहित 4 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। वही अभी 2 बच्चों के शव ही बरामद हो पाए हैं, जबकि दो और बच्चे केशवर घूम रहे हैं। मामले की जांच पुलिस मुख्यालय स्तर पर दिग्जी रैंक के अधिकारियों को सौंपने के आदेश जारी किए गए।