

– नकली दवाइयां बेच कर बने करोड़पति, हरिद्वार में फैक्ट्री और दून में ऑफिस सील, दून से कोलकाता तक था कारोबार
जनपक्ष टुडे ब्यूरो, देहरादून: नकली दवाओं का कारोबार खूब फल फूल रहा है. नकली दवाएं बेचकर आरोपी करोड़ों की गाडिय़ों में घूम रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने देहरादून और हरिद्वार में एक साथ रेड डाल नकली दवा की फैक्ट्री पकड़ी. पुलिस ने फैक्ट्री और ऑफिस से 97 हजार नकली कैप्सूल बरामद किए. साथ ही विभिन्न बैंकों की 24 चेकबुक भी कब्जे में ली है. पुलिस टीम ने हरिद्वार स्थित फैक्ट्री को सील करते हुए मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. छापेमारी के दौरान इंडोकेप एसआर दवा के खाली कैप्सूल के 3000 रेपर भी बरामद किए हैं. साथ ही किया कंपनी की एक कार भी कब्जे में ली है. आरोपी ने बताया कि उन्होंने अब तक बड़ी मात्रा में नकली दवाइयां बेच कर करोड़ों रुपए कमाए हैं. छापेमारी के दौरान पकड़ी गई नकली दवाओं की कीमत 30 लाख के अधिक बताई जा रही है.
मकदूमपुर हरिद्वार में पकड़ी नकली दवा फैक्ट्री
पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि हरिद्वार में मकदूमपुर गांव में उनकी एक फैक्ट्री है और गोदावरी रुड़की स्थित फ्लैट में उनके द्वारा नकली दवाइयां और उससे सम्बन्धित सामग्री रखी हुई है, जिसे वह मूल दवाई की कम्पनी के नाम से विभिन्न राज्यों में सप्लाई करते है. पुलिस टीम की सामान बरामद कर फैक्ट्री सील कर दी है.
सहस्रधारा रोड पर ऑफिस से डीलिंग
विक्रम रावत निवासी अशोक विहार गुडगांव ने रायपुर थाना पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें बताया गया कि अमन विहार देहरादून में एसएस मेडिकोज के प्रोपराइटर सचिन शर्मा साथ के मिलकर उनकी कम्पनी के नाम से जालसाजी, कूटरचना और धोखाधड़ी कर नकली दवाइयां बेची जा रही हैं. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सचिन शर्मा उसके पार्टनर विकास कुमार को पॉल्टेक्निक रोड धर्मकांटा रायपुर के पास से रेंज रोवर गाडी के साथ गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से गाड़ी में रखी इन्डोकेप और इन्डोकेप एसआर दवाइयों के 24 डिब्बे कुल 7200 कैप्सूल नकली दवाइयां बरामद हुई.
यूपी, दिल्ली, कोलकाता तक सप्लाई
सचिन ने बताया कि पूर्व में उनके द्वारा कई कंपनियां खोली गई. दिसम्बर 2022 उन्होंने एसएस मेडिकोज नाम से एक फर्म खोली थी, जिसका प्रोपराइटर सचिन है, लेकिन दोनों इसके पार्टनर हैं. कमाई को दोनों आधा-आधा बांटते हैं. वह प्रोफिट का पैसा विकास कुमार के खाते में डालता था. बताया कि दवाइयां बनाने के लिये कच्चा माल वह रोलेक्स फार्मा बाम्बे की कम्पनी से खरीदते थे, जिसका भुगतान वह ऑनलाइन करते हैं. नकली दवा बनाकर वह एसएस मेडिकोज नाम की फर्म से सेल करते हैं. इस फर्म का ड्रग लाइसेंस सचिन के नाम है और इसका ऑफिस देहरादून में सहस्त्रधारा रोड पर खोला गया है, जहां से डीलिंग कर दवाइयां यूपी, दिल्ली और कोलकाता आदि शहरों में भेजते हैं.
करोड़ों की संपत्ति की अर्जित
मार्केटिंग में होने के कारण विकास के पहले से मेडिकल डीलरों से सम्पर्क था. हफ्ते में दवाई के 10 पेटी करीब 200 डिब्बे तैयार कर लेते हैं, जिन्हे बेचकर करोड़ों रुपये का लाभ और कई सम्पत्तियां भी अर्जित की गई है. 1 करोड़ की रेंज रोवर कार भी इन्ही पैसों से ली है. इसके विकास ने रुड़की में 35 लाख का प्लांट और 12 लाख रुपये की सोनेट कम्पनी की गाड़ी खरीदी है. उषा एन्क्लेव में 50 लाख का मकान और मकदूनपुर हरिद्वार में फैक्ट्री के लिये 4 बीघा जमीन भी ली है. दवाइयों के लिये रैपर दिल्ली और भगवानपुर में एक व्यक्ति 800 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्रिंट करता था.
कोरोना में गई थी दोनों की नौकरी
सचिन पूर्व में स्टेफफोर्ड लैबोरेट्री लिमिटेड भगवानपुर में सुपरवाइजर का काम करता था, जहां दवाइयां बनती है और विकास जैगसन पाल फार्मास्यूटिकल कम्पनी में हरिद्वार में मार्केटिंग का काम करता था. दोनों की कोरोना में नौकरी छूट गई थी. इसके बाद दोनों ने प्लान बनाया कि वह जैगसन पॉल कम्पनी एवं वर्लटर बूसनल कम्पनी की नकली दवाइयां तैयार कर मार्केट में बेच सकते है, जिससे वह करोड़ों रुपए कमा सकते हैं.
इन्हें किया गया गिरफ्तार
1. सचिन शर्मा (40) पुत्र नरेन्द्र कुमार शर्मा निवासी अशोका पुरम निकट गोदावरी होटल दिल्ली रोड थाना मंगलौर रुड़की हरिद्वार
हाल पता- अमेजन कॉलोनी, सहस्त्रधारा रोड निकट एसआर पैट्रोल पम्प वाली गली नं. 3, रायपुर, देहरादून
2- विकास (32) पुत्र उदयवीर निवासी ग्राम बेड़ाआसा पोस्ट बेड़ाआसा तहसील जानसठ थाना सिखेडा जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश
हाल पता- अमेजन कॉलोनी सहस्त्रधारा रोड़ थाना रायपुर,देहरादून
आज की गई कार्यवही पर एक नजर
– 9702600 कैप्सूल
– 3000 एसआर के खाली कैप्सूल बॉक्स के रैपर
– 6- 1,00,000 खाली कैप्सूल
– 50 किलो दवाई बनाने का कच्चा माल, मशीन और उपकरण
– 50 खाली पेटी
– 7 टैक्स इनवाइस बिल
– 107 टेप रोल
– 07 मोबाइल, 1 लैपटाप
– 01 करोड़ कीमत की रेंज रोवर गाड़ी-6
– 68 लाख की नकदी
– 24 अलग-अलग बैंकों की चेकबुक

दवाओं, फैक्ट्रियों की जांच को चलेगा अभियान: ताजवर सिंह
ड्रग विभाग देहरादून और हरिद्वार में दवा फैक्ट्रियों पर नकेल कसने जा रहा है. इसके लिए अलग से टीम गठित की जाएगी. ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह ने कहा कि रेड के दौरान कहीं पर गलत गतिविधियां पाई जाती है, तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को लापरवाही पर कार्रवाई को चेताते हुए सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में इस पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में सबसे ज्यादा नकली दवा का कारोबार होता है. इसलिए इस क्षेत्र में विशेष स्ट्रेटेजी के साथ कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस ने नहीं लेने दिया सैंपल
ड्रग कंट्रोलर ताज़वे सिंह ने बताया गया कि संडे को पुलिस ने जो नकली दवा पकड़ी है उसके लिए ड्रग विभाग की टीम से कोई समन्वय नहीं बनाया गया. जब ड्रग विभाग के अधिकारी सैंपल लेने गए तो पुलिस ने यह कहकर इनकार कर दिया कि पकड़ा गया माल सीज कर दिया गया है. अब विभाग कोर्ट के जरिए सैंपल लेगा.