

राज्य में लाइम स्टोन, सोपस्टोन, सिलिका सैंड, बैराइट के साथ ही नदी तल पर बालू, बजरी और बोल्डर हैं. हालांकि प्रदेश में पूरी तरह इन खनिजों का दोहन नहीं हो पा रहा है. इसका मुख्य कारण यहां तमाम पर्यावरणीय पाबंदियों का होना है.
गनकोट और चौरा ब्लॉक में लगेगे फैक्ट्री
प्रदेश सरकार ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन के ²ष्टिगत विभाग को भी निवेश का लक्ष्य दिया है. इस कड़ी में विभाग ने शुरुआत पिथौरागढ़ में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए रोड शो के माध्यम से की. इसके तहत पिथौरागढ़ के गनकोट व चौरा ब्लाक में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया गया. इन दो ब्लाक में लाइमस्टोन और डोलोमाइट प्रचुर मात्रा में हैं. इनमें लगभग 16 मिलियन टन कच्चा माल है.
दो नवंबर को जारी होंगे टेंडर
दिल्ली में आयोजित रोड शो में जेके लक्ष्मी सीमेंट, द इंडिया सीमेंट, श्री सीमेंट, जेके सीमेंट, डालमिया सीमेंट व ओरियंट सीमेंट जैसी कंपनियों ने रुचि दिखाई है. इसके लिए दो नवंबर को टेंडर होने हैं. हालांकि, इस रोड शो में कंपनियों ने पहुंच मार्ग, कच्चे माल को रखने के लिए लैंड बैंक को लेकर ङ्क्षचता जताई. इस रोड शो में निवेशकों की उपस्थिति से उत्साहित विभाग अब प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी सीमेंट फैक्ट्री स्थापित करने के लिए आवेदन आमंत्रित करने की तैयारी कर रहा है.
उत्तराखंड में कहीं भी सीमेंट फैक्ट्री नहीं है. देहरादून और अल्मोड़ा के सोमेश्वर में भी सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए सीमेंट फैक्ट्री के लिए जमीन तलाश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस संबंध में दो नवंबर को टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे. पिथौरागढ़ के लिए टेंडर प्रकिया चल रही है। राज्य में मुख्य खनिज एवं उपखनिज का भंडार प्रचुर मात्रा में है. यहां कच्चे माल की कमी नहीं है। सीमेंट फैक्ट्री लगने से जहां राज्य में राजस्व की बढ़ोत्तरी होगी वहीं यहां के युवाओं को बुई बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा।
एसएल पेट्रिक, निदेशक, खनन विभाग, उत्तराखंड