- प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद अनुमोदन को मुख्यमंत्री के पास पहुंची पत्रावली
देहरादून। उत्तराखंड पेयजल निगम के एक पूर्व प्रबन्ध निदेशक पर कार्यवाही होनी तय मानी जा रही है। प्रारम्भिक जांच में एमडी पर भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हुई है। गम्भीर अनियमित्ताओं के आरोपों की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की संस्तुति के साथ पत्रावली मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के पास अनुमोदन के लिए भेज दी गई है।
सूत्रों की मानें तो आज-कल में पत्रावली पर सीएम का अनुमोदन मिल सकता है। अनुमोदन मिलते ही कार्रवाई के आदेश हो सकते है। माना जा रहा है सीएम ज़ीरो टॉलरेंस के तहत भ्रष्टाचार के आरोपी एमडी पर निलंबन ही नहीं बर्खास्तगी की कार्रवाई भी अमल में ला सकते हैं।
चर्चा तो यह है कि उत्तराखंड पेयजल निगम के निवर्तमान एमडी भजन सिंह पर रिटायरमेंट से पूर्व बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उन पर भ्रष्टाचार के 100 अधिक मामले आरोपित हैं।
भजन सिंह पर अभियंताओं की भर्ती से लेकर टेंडरों में गड़बड़ी, मनमाने तरीके से पेयजल कार्यों के टेंडर आवंटित करने, नमामि गंगे का टेंडरों में नियमों को ताक पर रखने, नियमों के बाहर जाकर टेंडरों के सारे अधिकारों को अपने पास लेने के साथ ही योजनाओं के धन को दूसरे मदों में खर्च करने सरीखे कई गंभीर आरोप हैं। 2005 और 2007 में अभियन्ताओं की नियुक्ति में धांधली का मामला भी किसी से छिपा नहीं है। नियमों को ताक पर रखकर एमडी ने दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ दिया, जिससे उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के पेट पर लात मारने का काम किया गया है। इस मामले को बार-बार दबाने की कोशिश की जा रही है।
चहेते अधिकारियों को मनमानी पोस्टिंग और पदोन्नतियोन को लेकर भी वह चर्चाओं में रहे हैं। सोवशल मीडिया पर भ्रष्टाचार से जुड़ी उनकी वीडियो आजकल खूब चर्चाओं में है, जिसमे वीडियो में उनके नाम पर खुले तौर पर एक अभियन्ता लेन-देन कर रहा है। यह मामला पिछले साल का है, जिससे उनके द्वारा ऊंची पहुंच के चलते दबा दिया गया था। इस मामले में आरोपी
अधिशासी अभियंता इमरान खान पर कार्रवाई के बजाय उनके द्वारा पुरस्कृत किया गया। पहले तो इस मामले में उनका देहरादून से कुछ ही समय मे पौड़ी अटैचमेन्ट रद्द कर मुख्यालय में स्थानांतरित कर लाए, अब जाते-जाते तोहफे के रूप में इमरान को टिहरी के अधीक्षक अभियन्ता का कार्यभार सौंपने के आदेश जारी किए। ऐसे एक नहीं कई उदाहरण मौजूद हैं।
इस सब के बीच प्राम्भिक जांच में अधिकांश आरोपों की पुष्टि होनी भी बताई जा रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री भजन सिंह से काफी खफा नजर आ रहे है। उन्होंने अधिकारियों को ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम करने की हिदायतें दी हैं। साथ ही कार्रवाई भुगतने के भी संकेत दिए हैं। सूत्रों की मानें भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सख्ती बरतने के मूड में है।
भजन सिंह पर कार्रवाई करके मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों पर नकेल कसने की तैयारी में है। भजन सिंह के बहाने मुख्यमंत्री सरकार की छवि सुधारने के रूप में भी देखा जा रहा है। बताया तो यहां तक भी जा रहा है पेयजल सलाहकार के पद से भी उनकी छुट्टी हो सकती है। अब देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठता है।