

देहरादून। पेयजल निगम के बाद जल संस्थान में भी रिक्त पदों पर शासन ने अभियन्ताओं की प्रभारी व्यवस्था के तहत तैनाती के आदेश जारी किए हैं। महाप्रबंधक के रिक्त तीन पदों पर अधीक्षण अभियन्ताओं को दायित्व सौंपे गए हैं।
इसके अलावा 11 अधिशासी अभियन्ताओं को प्रभारी अधीक्षण अभियंता बनाया गया है। एसई के पद लम्बे समय से रिक्त चल रहे थे, जिससे कार्य प्रभावित हो रहे थे। 12 सहायक अभियन्ताओं को भी अधिशासी अभियंता बनाया गया है।
27 कनिष्ठ और अपर सहायक अभियन्ताओं को सहायक अभियंता का प्रभार दिया गया है। जल संस्थान के इतिहास ने यह पहली बार है, जब शासन ने दरियादिली दिखाते हुए इतने बड़े स्तर पर अभियन्ताओं को उच्च पदों पर प्रभारी नियुक्त किया है।
अभियन्ताओं की डीपीसी न हो पाने से भी पद रिक्त चल रहे हैं। सीनियरिटी विवाद का मामला शासन में लंबित है। ऐसे में शासन ने डीपीसी न होने तक वरिष्ठ अभियन्ताओं को उच्च पदों पर प्रभारी के तौर पर नियुक्ति दी है।
अभियन्ता इस व्यवस्था की मांग लम्बे समय से कर रहे थे। पेयजल निगम में अभियन्ताओं को प्रभारी व्यवस्था के तहत तैनाती दी है, जिसके बाद जल संस्थान में भी प्रभारी व्यवस्था लागू करने की मांग जोर-शोर से उठी। सचिव पेयजल नितेश झा ने अभियन्ताओं की यह मुराद पूरी की।
इस सम्बंध में शनिवार को अपर सचिव पेयजल जीबी ओली ने आदेश जारी किए हैं। शासन ने फो अभियन्ताओं को स्थानांतरित करने के आदेश भी जारी किए हैं। अभियन्ताओं ने इसके लिए सचिव पेयजल नितेश झा का आभार जताया है।
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