

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिह रावत ने झाझरा वन रेंज परिसर में उत्तराखण्ड सिटी फॉरेस्ट ‘आनन्द वन’ का लोकापर्ण किया। झाझरा में विकसित किये गये इस सिटी फारेस्ट में उत्तराखण्ड के विभिन्न प्रजातियों की जीव-जन्तुओं एवं प्राकृतिक दृश्यों को प्रतिकृतियों के माध्यम से दिखाया गया।
इसे नेचर एजुकेशन सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रजातियों के जीव-जन्तुओं एवं वनस्पतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इस वर्ष नवरात्रि के प्रथम दिवस से यह सिटी फारेस्ट सेंटर आम जन के लिए खोला जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि झाझरा में वन विभाग द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ किये बिना अच्छी सिटी फॉरेस्ट तैयार किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें केवल प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया गया है।
आनन्द वन में उत्तराखण्ड की उपकृति को दिखाने का अच्छा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जो संस्कृति ग्राम की परिकल्पना है। इसकी झलक भी लोगों को यहां पर देखने को मिले। जिसमें उत्तराखण्ड की संस्कृति, शिल्प, देवस्थानों एवं परम्पराओं के बारे में भी लोगों को जानकारी मिले।

उन्होंने कहा कि यहां पर उत्तराखण्ड की आंशिक झलक लोगों को देखने को मिले, इसके बारे में जरूर विचार किया जाय। उन्होंने कहा कि यह सिटी पार्क पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस सिटी पार्क पर एक लघु फिल्म बनाई जाय।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एक सिटी फॉरेस्ट हल्द्वानी में विकसित किया जा रहा है। प्रकृति से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ने जो भी प्राप्त किया है, वह प्रकृति से सीखकर किया है। प्रकृति और मानव के बीच संतुलन बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। दुनिया प्रकृति के संरक्षण के लिए जागरूक हो चुकी है।।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उत्तराखण्ड में जल संरक्षण की दिशा में अनेक कार्य किये गये। 25 मई 2017 से व्यापक स्तर पर जल संचय अभियान चलाया गया। कोसी एवं रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया गया।
इस अवसर पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सिटी फॉरेस्ट वन विभाग द्वारा समाज को एक धरोहर के रूप में सौंपा जा रहा। हल्द्वानी और ऋषिकेश में भी थीम बेस्ड सिटी पार्क बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने वन विभाग को 10 हजार लोगों को रोजगार का जो लक्ष्य दिया गया है, वह पूरा किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष कैम्पा के माध्यम से 400 करोड़ रूपये के कार्य किये जायेंगे। जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जायेगा। भारत सरकार के सहयोग से देहरादून एवं कोटद्वार में नगर वन बनाने की योजना बनाई जा रही है। राज्य के अनेक विकासखण्डों में नेचर वन बनाने की योजना बनाई गई है। जल संवर्द्धन के साथ ग्रेविटी वाटर की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्ययोजनाएं बनाई गई हैं।
इस अवसर पर सहसपुर के विधायक सहदेव पुण्डीर ने कहा कि सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए झाझरा में सिटी फॉरेस्ट का बनना बड़ी उपलब्धि है। इससे क्षेत्र में पर्यटन की गतिविधियां भी बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सांइस सिटी भी बन रही है।
प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने कहा कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग सवा तीन साल लगे। भारत सरकार द्वारा भी सिटी फॉरेस्ट विकसित करने के लिए राज्यों को कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस सिटी फॉरेस्ट में केवल 43 लाख रूपये खर्च हुए हैं। यहां लोकल लाईवलीहुड को प्रमोट किया जायेगा। वन विभाग द्वारा दो हजार स्कूलों में ईको क्लब बनाये जायेंगे।
इस अवसर पर वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक, साधना जयराज, एवं विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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